Saturday, March 1

रात अभी बाकी है...

कट जायेगी ज़िन्दगी, रुखसत किये कहा है अभी...
जाम भरा हुआ है, पिए कहा हैं अभी...

उनसे रूबरू होने की ख्वाहिश सी जगी है..
मुलाकात के दौर, चले कहा है अभी...

इस कदर गम में डूबकर कौन जीता है...
मुस्कुराकर ज़िन्दगी को छुए कहा है अभी...

जिन लबों में पिरोया हमने अक्स ज़िन्दगी का ...
उन लबों से लफ्ज हमने लिए कहा है अभी...

ये न कहो की इश्क़ में शायर बना है...
मेरे अलफ़ाज़ तुमने सुने कहा है अभी...

हर जर्रे में होगा नशे का सुरूर आज रात...
रात अभी बाकी है, हम जिए कहा है अभी...
.....................................................मुसाफिर

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