Tuesday, May 10

हमे निकल जाने दो

सिगरेट की तरह सुलगाई थी; किसीने ज़िन्दगी मेरी
अब जब तक जलती रहेगी; सुकून मिलता रहेगा...

मेरे दर्द को मैं; यूँ ही कैसे बाँट दूँ
उनका दिया हुआ  है; दिल मे खिलता रहेगा...

क्या होता हैं इश्क़; कैसे होते है आशिक़
हम याद दिलाते रहेंगे; ज़माना भूलता रहेगा...

अब भी नहीं समझे; बुरी आदत लगी है
जबतक आप न बुझाओ; ये दिल जलता रहेगा...

रोक कर सवाल करने की; कोशिश क्यों हैं आपकी
हमे निकल जाने दो; राज़ तो खुलता रहेगा ...