Sunday, March 2

समझदार...

हम कसूरवार थे गर उनके इस कदर
कसूर हमारा हमें जता कर तो देखते...

वो कहते है कि हम समझ न पाये उन्हें...
एक बार दिल कि बात बता कर तो देखते..

झूठ बोल गयी हमसे उनकी नज़रे भी
जो सच था नज़रो में दिखा कर तो देखते...

क्या छिपा है इस दिल में जान लेते तुम भी
इस दिल से दिल लगा कर तो देखते...

कितनी तड़प है हमारी महोब्बत में
इस कदर अपने आप को सता कर तो देखते...

हम डूब गए थे महोब्बत में आपके
कभी खुदको गहराईयों में डूबाकर तो देखते...

जान लेते ज़िन्दगी को तुम भी "मुसाफिर"
उनकी यादो को तुम भुलाकर तो देखते...

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