Sunday, February 2

मेरी हसीन हसरते

मेरी हसीन हसरते भूला दी मैने
खुदको तुझे भुलाने की सज़ा दी मैने...

जिसने देखा पलट कर वो तुम न थे
किस अजनबी को आवाज लगा दी मैने...

बहोत हुई धुप इश्क की मुझपे
बादलों से ये रात सजा दी मैने...

आखरी दफ़ा वफ़ा देखी थी जब,
तेरी बेवफ़ाई को वफ़ा दी मैने...

इक परवाने को नसीब हुई जिन्दगी
इक और शमा बुझा दी मैने....

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